बसपा में जिसकी जितनी थैली भारी उसकी उतनी भागीदारी: मौर्य

लखनऊ। स्वामी प्रसाद ने आरोप लगाया कि मायावती ने कांशीराम के नारे जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी को बदल कर ‘जिसकी जितनी थैली भारी, उसकी उतनी भागीदारी’ कर दिया है। इस गोरखधंधे के चलते ही बसपा के 2012 में सत्ता गवां देनी पड़ी और लोकसभा चुनाव में जीरो पर आउट होना पड़ा। 
टिकटों की बोली लगाने के कारण अब 2017 में भी चुनाव हारेंगी। उन्होंने मायावती पर भाजपा को मजबूत करने का भी आरोप लगाया। बसपा में घुटन महसूस होने का जिक्र करते हुए मौर्य ने कहा कि उन्होंने गत 31 अगस्त 2015 को पैसे की वसूली को लेकर मायावती को मना किया था परन्तु वह नहीं मानी। जिला पंचायत के चुनाव में भी पांच लाख व दस लाख रुपये का रेट निकाला था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 130 प्रत्याशियों के टिकट बोली लगाकर बदलने के बाद बसपा के मात्र 80 सीटों पर सिमट जाने से भी मायावती कोई सबक नहीं ले रहीं। 
पडरौना क्षेत्र में जाने पर भी रोक लगी : बसपा में पिछड़े वर्ग से बड़े चेहरे के तौर पर पहचान वाले मौर्य ने अपने उत्पीड़न के बारे में भी बताया। कहा कि उनको पिछड़ा वर्ग समाज के कार्यक्रमों में जाने से रोका जाता था। इतना ही नहीं अपने विधानसभा क्षेत्र पडरौना में जाने पर भी रोक लगी थी। वर्ष 2009 में पडरौना विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराकर चौंकने वाले मौर्य का कहना था कि उनके क्षेत्र की जनता ही अब उनके अगले कदम का फैसला लेगी।
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