अमर झोपड़ी : आग से ना जलेगी, पानी से ना गलेगी




आग लगने के बावजूद नहीं जली झोपड़ी
जिलाधिकारी सुनील कुमार ने गरीबों को आग और पानी से बचाने के लिए एक अनूठा झोपड़ी का निर्माण किया है। डीएम ने कहा कि यह दुनिया की पहली फायर प्रूफ झोपड़ी का मॉडल तैयार किया गया है। इस झोपड़ी को इस तरह बनाया गया है कि इसे आग नहीं जला पाएगी और ना ही पानी से इसे कोई नुकसान पहुंचेगा। 25 सालों तक यह झोपड़ी सलामत रहेगी।

गूगल पर झोपड़ी बनाने का मॉडल किया जाएगा अपलोड
डीएम सुनील कुमार ने जल्द ही इस मॉडल को गूगल पर अपलोड किया जाएगा ताकि और लोग के पास इस झोपड़ी को बनाने का तरीका पहुंच सके। सुनील के मुताबिक यह झोपड़ी गरीबों के लिए वरदान साबित हो सकता है। बिहार में अक्सर गर्मी के दिनों में आग से हजारों घर बर्बाद हो जाते है, लेकिन यह झोपड़ी इन आपदाओं में सुरक्षित रहेगी।

ऐसे बनाई जाती है अग्निरोधी झोपड़ी
यह झोपड़ी धान की पुआल की रस्सी तैयार की जाती है, उस रस्सी में कड़ी ऐंठन दी जाती है। ऐसा करने से रस्सियों के बीच की हवा न्यूनतम स्तर तक चली जाती है, हवा की अनुपस्थिति इसको जलने से बचाती है। रस्सी आग की गर्मी से झुलस कर काली पड़ सकती है पर जलती नहीं है। डीएम ने बताया कि अगर मिट्टी और धान के भूसा से झोपड़ी के भीतरी एवं भूसा की राख व सीमेंट के मिश्रण से बाहरी दीवार पर लेप चढ़ा दी जाए तो तो झोपड़ी की आयु 25 वर्षों से अधिक हो सकती है।

मॉक ड्रील में कुछ ऐसा दिखा नजारा
मॉक ड्रील में दो झोपड़ी बनाई गई। जिसमें साधारण तरीके से एक झोपड़ी बनी थी, दूसरी अग्निरोधी झोपड़ी बनाई गई। दोनों में आग लगाया गया। दो मिनट के अंदर साधारण झोपड़ी धू-धू कर जलने लगी तथा आग की तेज लपटें निकलने लगी। जबकि अग्निरोधी झोपड़ी में 25 मिनट तक धुआं निकलता रहा।
कुमार की विशेष पहल पर समाहरणालय स्थित गांधी मैदान में अग्नि आपदा से बचाव व जागरूकता को लेकर एक मॉक ड्रिल कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मॉक ड्रिल में आग और पानी से बचाने के लिए एक अनूठा झोपड़ी तैयार किया गया।
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