नीचे संतोष श्रीवास्तव और ऊपर महाप्रबन्धक एन.टी.पी.सी. टाण्डा, विद्युतनगर जी हाँ ये जमीन पर अवतरित भगवान स्वरूप हैं। जिनकी कृपा के फलस्वरूप इनके भक्तजन मालामाल हो रहे हैं। साथ ही मक्कार, धूर्त, मक्खनबाज और चापलूस किस्म के वर्तमान नारद चाँदी काट रहे हैं। विद्युत नगर एन.टी.पी.सी. में कार्यरत ये दो मुलाजिम अपने को धरती का भगवान घोषित कर चुके हैं। इनकी बात से लगता है कि एन.टी.पी.सी. इनके बाप की बपौती है और विरासत में इन्हें प्राप्त हुई है। यहाँ स्पष्ट कर दिया जाता है कि पी.आर.ओ. के पद पर तैनात संतोष कुमार श्रीवास्तव द्वारा मीडिया परसन्स के सामने अपने स्टाइल में कुछ इस तरह की बातें की जाती हैं जिससे परिलक्षित होता है कि एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर टाण्डा, अम्बेडकरनगर के सर्वेसर्वा वह स्वयं और ऊपर बैठने वाले महाप्रबन्धक ही हैं।
क्या गजब की स्टाइल में बात करते हैं, बड़ा अच्छा लगता है देख-सुनकर और आश्चर्य भी होता है कि पी.आर.ओ. के पद पर तैनात संतोष श्रीवास्तव अपसेट तो नहीं हो गए हैं। चाहे पी.आर.ओ. हों या फिर महाप्रबन्धक जी करते तो नौकरी ही हैं फिर हाव-भाव एवं एटीट्यूट से ऐसा क्यों प्रदर्शित करते हैं जैसे कि एन.टी.पी.सी. उनके पूर्वजों ने मृत्यु उपरान्त उनके नाम वरासत कर दिया हो। करोड़ों का घपला-घोटाला करने वाले ओहदेदार एन.टी.पी.सी. जैसे महासमुद्र अथाह धन सागर में डुबकियाँ लगा रहे हैं यह किसी से छुपा नहीं हैं लेकिन मीडिय प्रबन्धन करके हर छोटे-बड़े कार्यक्रमों की हाईलाइटिंग किया जाना अवश्य ही शोचनीय विषय कहा जा सकता है।
बीते दिवस संतोष कुमार श्रीवास्तव, पी.आर.ओ. एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर, टाण्डा, अम्बेडकरनगर ने जनपद के कम उम्र के शासकीय मान्यता प्राप्त पत्रकार व सम्पादक- ‘अयोध्या की पुकार’ से कुछ इस कदर पेश आए जैसे वे ही एन.टी.पी.सी. में धरती के भगवान हैं। उन्होंने बातों ही बातों में युवा पत्रकार से कहा कि बगैर उनकी इजाजत के एन.टी.पी.सी. परिसर में परिन्दा भी पर नहीं मार सकता। अभी तुम बच्चे हो तुमको गेट पास देने के लिए मैंने ही कहा था। जब पत्रकार संजय मौर्य तूफानी ने संतोष कुमार श्रीवास्तव से वार्ता के दौरान यह कहा कि वह रेनबोन्यूज वेब पोर्टल में सक्रिय रूप से रिपोर्टिंग करते हैं तब संतोष कुमार श्रीवास्तव भड़क उठे और उन्होंने पोर्टल की सम्पादक को अपने स्टाइल में भला-बुरा कहा।
संजय मौर्य तूफानी 15 अगस्त 2016 के अवसर पर अयोध्या की पुकार में प्रकाशित होने वाले विशेषांक हेतु विज्ञापन मांग-पत्र लेकर पी.आर.ओ. एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर टाण्डा, अम्बेडकरनगर संतोष कुमार श्रीवास्तव से मिलने 9 अगस्त दिन मंगलवार को पूर्वान्ह 11 बजे गए थे। संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि तुम्हारा अखबार यहाँ कभी नहीं आता है और तुम विज्ञापन लेने चले आये हो। यहाँ उन्हीं अखबारों को तरजीह दी जाती है जिनमें एन.टी.पी.सी. के कार्यों की बढ़-चढ़ कर सराहना के साथ मसाला लगाकर संवाद प्रकाशित किया जाता है। संजय तूफानी ने जब आग्रह किया तो संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि ठीक है लाओ अपना मांग-पत्र दे दो मैं इसको महाप्रबन्धक के पास भेजूँगा यदि उनकी कृपादृष्टि हुई तो तुम्हारे अखबार को यहाँ सूचीबद्ध करने का आदेश पारित कर देंगे, यदि ऐसा हुआ तो तुम्हारे अखबार को भी 15 अगस्त पर विज्ञापन का आर.ओ. मैटर मिल जाएगा। लेकिन हाँ एक बात याद रखो इस महासमुद्र से यदि पानी पीना है तो तुम भी जिले एवं स्थानीय पत्रकारों की तरह मेरी गणेश परिक्रमा किया करो, मौज करोगे। वैसे एक बात बता दूँ कि मैं उन्हीं मीडिया वालों को आमंत्रित करता हूँ जिनको बुलाने के लिए महाप्रबन्धक महोदय द्वारा कहा जाता है। यदि तुम भी उन खुशनसीब मीडिया परसन्स की सूची में अपने को शामिल कराना चाहते हो तो आज और अभी से एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर, टाण्डा के बारे में खूब बढ़ा-चढ़ा कर प्रशंसात्मक संवाद प्रकाशित करना शुरू कर दो। ऐसा करोगे तभी एन.टी.पी.सी. के महाप्रभु जी.एम. महोदय की कृपा का पात्र बनकर अन्य मीडिया कर्मियों की तरह विज्ञापन, तोहफे (कैश/काइन्ड) पाओगे।
एक बात और जब भी मुझसे मिलो तो रेनबोन्यूज का जिक्र कभी मत करना। यह पोर्टल महान वाहियात है और इसकी सम्पादक बड़ी खूंखार महिला है। वह बेवजह अनाप-शनाप लिखकर अपने वेब पोर्टल के माध्यम से पूरे एन.टी.पी.सी. कर्मियों को झकझोर कर रख देती है। मैं चाहता हूँ कि जल्द से जल्द यहाँ से मेरा ट्रान्सफर हो जाता तो सकून से शेष जीवन जी लेता। पी.आर.ओ. के पद पर यहाँ रहकर मैं घुटन महसूस कर रहा हूँ। संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एक बात और बताऊँ कि मैं साक्षात्कार देकर एन.टी.पी.सी. की सेवा में 25 वर्ष पूर्व आया था तब से अब तक निरन्तर अपना कार्य कर रहा हूँ भला बताइए यदि मैं अभद्र एवं अश्लील, बेहूदा होता तो एन.टी.पी.सी. में नौकरी कैसे पाता? उक्त बातें श्रीवास्तव ने तब कहीं जब उनके सामने रेनबोन्यूज पोर्टल का जिक्र किया गया।
उन्होने संजय तूफानी से कहा कि मीडिया में उनके विरूद्ध यदि कोई खबर छपती है और वह तथ्य एवं वास्तविकता से परे होगी तो मैं डट कर मुकाबला करूँगा और किसी भी हद तक जाकर अपने को पाक दामन सिद्ध कर दूँगा। उन्होंने युवा पत्रकार संजय तूफानी से बात करते हुए परोक्ष रूप से धमकी दिया कि वह अपने समाचार-पत्र में कभी भी पी.आर.ओ. एवं जी.एम. एन.टी.पी.सी. के खिलाफ संवाद प्रकाशित करने की हिमाकत न करें। यही उसके और उसके अखबार के लिए अच्छा होगा। जब उनसे युवा पत्रकार, संजय तूफानी, सम्पादक- अयोध्या की पुकार ने कहा कि सर जी आप अपनी भाषा और शैली पर नियंत्रण लगाकर मुझसे बात करें तो वह भड़क उठे और बोले कि कल के लौंडे तुम मुझे बात करना सिखाओगे? अब जाओ तुम्हारा डिमाण्ड नोट जी.एम. तक पहुँच जाएगा। यदि आका ने हुक्म दे दिया तो यह तुम्हारे अखबार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
जाओ रेनबोन्यूज की एडिटर को भी समझा दो कि वह मेरे, जी.एम. और एन.टी.पी.सी. के क्रिया-कलापों के बारे में कुछ भी ऐसा-वैसा न छापे। उससे बोल दो कि ब्राण्डेड मीडिया हाउस कर्मियों की तरह रहे तो उसे भी वाहन भेजकर यहाँ बुलाया जाएगा और तोहफे दिए जाएँगे। वह महामूर्ख है जो अभी तक एन.टी.पी.सी. की मीडिया मैनेज सिस्टम को नहीं समझ पाई है। यहाँ इस कुर्सी पर मुझे यानि संतोष कुमार श्रीवास्तव को मीडिया मैनेज करने के लिए ही बैठाया गया है। बताओ यदि मेरे में काबिलियत न होती तो क्या मैं यहाँ इस ओहदे पर होता। तुम अभी बच्चे हो, बहुत कुछ सीखना बाकी है। जाओ विलम्ब न करों, अब देर हो रही है, मेरा कीमती समय बरबाद न करो।
क्या गजब की स्टाइल में बात करते हैं, बड़ा अच्छा लगता है देख-सुनकर और आश्चर्य भी होता है कि पी.आर.ओ. के पद पर तैनात संतोष श्रीवास्तव अपसेट तो नहीं हो गए हैं। चाहे पी.आर.ओ. हों या फिर महाप्रबन्धक जी करते तो नौकरी ही हैं फिर हाव-भाव एवं एटीट्यूट से ऐसा क्यों प्रदर्शित करते हैं जैसे कि एन.टी.पी.सी. उनके पूर्वजों ने मृत्यु उपरान्त उनके नाम वरासत कर दिया हो। करोड़ों का घपला-घोटाला करने वाले ओहदेदार एन.टी.पी.सी. जैसे महासमुद्र अथाह धन सागर में डुबकियाँ लगा रहे हैं यह किसी से छुपा नहीं हैं लेकिन मीडिय प्रबन्धन करके हर छोटे-बड़े कार्यक्रमों की हाईलाइटिंग किया जाना अवश्य ही शोचनीय विषय कहा जा सकता है।
बीते दिवस संतोष कुमार श्रीवास्तव, पी.आर.ओ. एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर, टाण्डा, अम्बेडकरनगर ने जनपद के कम उम्र के शासकीय मान्यता प्राप्त पत्रकार व सम्पादक- ‘अयोध्या की पुकार’ से कुछ इस कदर पेश आए जैसे वे ही एन.टी.पी.सी. में धरती के भगवान हैं। उन्होंने बातों ही बातों में युवा पत्रकार से कहा कि बगैर उनकी इजाजत के एन.टी.पी.सी. परिसर में परिन्दा भी पर नहीं मार सकता। अभी तुम बच्चे हो तुमको गेट पास देने के लिए मैंने ही कहा था। जब पत्रकार संजय मौर्य तूफानी ने संतोष कुमार श्रीवास्तव से वार्ता के दौरान यह कहा कि वह रेनबोन्यूज वेब पोर्टल में सक्रिय रूप से रिपोर्टिंग करते हैं तब संतोष कुमार श्रीवास्तव भड़क उठे और उन्होंने पोर्टल की सम्पादक को अपने स्टाइल में भला-बुरा कहा।
संजय मौर्य तूफानी 15 अगस्त 2016 के अवसर पर अयोध्या की पुकार में प्रकाशित होने वाले विशेषांक हेतु विज्ञापन मांग-पत्र लेकर पी.आर.ओ. एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर टाण्डा, अम्बेडकरनगर संतोष कुमार श्रीवास्तव से मिलने 9 अगस्त दिन मंगलवार को पूर्वान्ह 11 बजे गए थे। संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि तुम्हारा अखबार यहाँ कभी नहीं आता है और तुम विज्ञापन लेने चले आये हो। यहाँ उन्हीं अखबारों को तरजीह दी जाती है जिनमें एन.टी.पी.सी. के कार्यों की बढ़-चढ़ कर सराहना के साथ मसाला लगाकर संवाद प्रकाशित किया जाता है। संजय तूफानी ने जब आग्रह किया तो संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि ठीक है लाओ अपना मांग-पत्र दे दो मैं इसको महाप्रबन्धक के पास भेजूँगा यदि उनकी कृपादृष्टि हुई तो तुम्हारे अखबार को यहाँ सूचीबद्ध करने का आदेश पारित कर देंगे, यदि ऐसा हुआ तो तुम्हारे अखबार को भी 15 अगस्त पर विज्ञापन का आर.ओ. मैटर मिल जाएगा। लेकिन हाँ एक बात याद रखो इस महासमुद्र से यदि पानी पीना है तो तुम भी जिले एवं स्थानीय पत्रकारों की तरह मेरी गणेश परिक्रमा किया करो, मौज करोगे। वैसे एक बात बता दूँ कि मैं उन्हीं मीडिया वालों को आमंत्रित करता हूँ जिनको बुलाने के लिए महाप्रबन्धक महोदय द्वारा कहा जाता है। यदि तुम भी उन खुशनसीब मीडिया परसन्स की सूची में अपने को शामिल कराना चाहते हो तो आज और अभी से एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर, टाण्डा के बारे में खूब बढ़ा-चढ़ा कर प्रशंसात्मक संवाद प्रकाशित करना शुरू कर दो। ऐसा करोगे तभी एन.टी.पी.सी. के महाप्रभु जी.एम. महोदय की कृपा का पात्र बनकर अन्य मीडिया कर्मियों की तरह विज्ञापन, तोहफे (कैश/काइन्ड) पाओगे।
एक बात और जब भी मुझसे मिलो तो रेनबोन्यूज का जिक्र कभी मत करना। यह पोर्टल महान वाहियात है और इसकी सम्पादक बड़ी खूंखार महिला है। वह बेवजह अनाप-शनाप लिखकर अपने वेब पोर्टल के माध्यम से पूरे एन.टी.पी.सी. कर्मियों को झकझोर कर रख देती है। मैं चाहता हूँ कि जल्द से जल्द यहाँ से मेरा ट्रान्सफर हो जाता तो सकून से शेष जीवन जी लेता। पी.आर.ओ. के पद पर यहाँ रहकर मैं घुटन महसूस कर रहा हूँ। संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एक बात और बताऊँ कि मैं साक्षात्कार देकर एन.टी.पी.सी. की सेवा में 25 वर्ष पूर्व आया था तब से अब तक निरन्तर अपना कार्य कर रहा हूँ भला बताइए यदि मैं अभद्र एवं अश्लील, बेहूदा होता तो एन.टी.पी.सी. में नौकरी कैसे पाता? उक्त बातें श्रीवास्तव ने तब कहीं जब उनके सामने रेनबोन्यूज पोर्टल का जिक्र किया गया।
उन्होने संजय तूफानी से कहा कि मीडिया में उनके विरूद्ध यदि कोई खबर छपती है और वह तथ्य एवं वास्तविकता से परे होगी तो मैं डट कर मुकाबला करूँगा और किसी भी हद तक जाकर अपने को पाक दामन सिद्ध कर दूँगा। उन्होंने युवा पत्रकार संजय तूफानी से बात करते हुए परोक्ष रूप से धमकी दिया कि वह अपने समाचार-पत्र में कभी भी पी.आर.ओ. एवं जी.एम. एन.टी.पी.सी. के खिलाफ संवाद प्रकाशित करने की हिमाकत न करें। यही उसके और उसके अखबार के लिए अच्छा होगा। जब उनसे युवा पत्रकार, संजय तूफानी, सम्पादक- अयोध्या की पुकार ने कहा कि सर जी आप अपनी भाषा और शैली पर नियंत्रण लगाकर मुझसे बात करें तो वह भड़क उठे और बोले कि कल के लौंडे तुम मुझे बात करना सिखाओगे? अब जाओ तुम्हारा डिमाण्ड नोट जी.एम. तक पहुँच जाएगा। यदि आका ने हुक्म दे दिया तो यह तुम्हारे अखबार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
जाओ रेनबोन्यूज की एडिटर को भी समझा दो कि वह मेरे, जी.एम. और एन.टी.पी.सी. के क्रिया-कलापों के बारे में कुछ भी ऐसा-वैसा न छापे। उससे बोल दो कि ब्राण्डेड मीडिया हाउस कर्मियों की तरह रहे तो उसे भी वाहन भेजकर यहाँ बुलाया जाएगा और तोहफे दिए जाएँगे। वह महामूर्ख है जो अभी तक एन.टी.पी.सी. की मीडिया मैनेज सिस्टम को नहीं समझ पाई है। यहाँ इस कुर्सी पर मुझे यानि संतोष कुमार श्रीवास्तव को मीडिया मैनेज करने के लिए ही बैठाया गया है। बताओ यदि मेरे में काबिलियत न होती तो क्या मैं यहाँ इस ओहदे पर होता। तुम अभी बच्चे हो, बहुत कुछ सीखना बाकी है। जाओ विलम्ब न करों, अब देर हो रही है, मेरा कीमती समय बरबाद न करो।
-रेनबोन्यूज नेटवर्क के लिए संजय तूफानी की रिपोर्ट, Mob.- 9452702500
अम्बेडकरनगर: एन.टी.पी.सी. विद्युतनगर टाण्डा में दो ही भगवान, नीचे पी.आर.ओ. और ऊपर महाप्रबन्धक
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