हैलो सर,
मेरा नाम ऋषभ शुक्ला है। मै नोंएडा मे रहता हुँ और पेशे से पत्रकार हुँ।
सर आज आपको मैं अपने दिल की बात दिमाग से बताने के लिए ये पत्र लिख रहा हुँ। मैं आज जब अपने देश कि कानून व्यवस्था को देखता हुँ या फिर जब किसी न्यूज़ चैनल के माध्यम से किसी अपराधिक घटना के बारे में सुनता हुँ तब मुझे बहुत डर लगता है और एक स्वार्थी सवाल मेरे दिमाग मे आता है कि क्या मैं और मेरा परिवार सुरक्षित है। हमारे देश मे आज अपराधियों का हौसला इतना बड़ चुका है कि वो बेखौफ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, उन्हे किसी का डर नहीं और पुलिस तो जैसे उनके लिए है ही नहीं। दो दिन पहले बिहार मे एक 19 वर्षीय युवा लड़के की एक सदस्य विधानपरिषद के लड़के ने गोली मार कर हत्या कर दी, उस लड़के का बस इतना कसूर था कि उसने उस सदस्य विधानपरिषद के लड़के की महंगी “एस-यू-वी” को ओवरटेक किया था। “मदर्स डे” के दिन जब किसी माँ को अपने जवान बेटे कि लाश को देखना पड़े तो उसका दर्द क्या होगा वो हम और आप नहीं समझ सकते। कुछ ऐसी ही एक घटना होली के वक्त भी हुई थी जब सरेआम दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में एक डॉक्टर की उसके घर में घुस कर कुछ गुंडो ने पिटाई कर दी थी और जब तक पुलिस वहाँ पर पहुँची डॉक्टर की जान जा चुकी थी। वो डॉक्टर अपने पीछे छोड़ गया अपना एक 8 साल का बेटा और अपनी पत्नी को जिनके ना जाने कितने सपने होंगे जो कि खराब कानून व्यवस्था कि वजह से अधूरे रह गए। जब दिल्ली जैसी राजधानी मे ऐसी घटनाएँ हो रही हैं तो बाकी देश का क्या हाल होगा ये समझा जा सकता है।
हाल ही में हरियाणा में जाट आंदोलन के वक्त जो घटनाएँ हुई उनकी वजह से सारे देश का सर शर्म से झुक गया। एक लड़की को दिन दहाड़े पंजाब मे उसके ऑफिस से खीच के ले जाके उसका बलात्कार किया जाता है और हमारी पुलिस एक फाईल और बना लेती है। और ना जाने ऐसी कितनी घटनाएँ हैं जो रोज़ देश मे हो रही होगीं जिनके बारे मे हमें पता तक नहीं चल पाता।
अब सोचने वाली बात ये है कि क्या कारण है कि देश मे अपराधियों के हौसले इतने बड़ गए हैं कि उन्हे किसी का डर नहीं, कानून तो उनके लिए मज़ाक बन गया है। सच्चाई तो ये है कि कानून और पुलिस से अगर आजकल कोई डरता है तो वो है एक इज्जतदार शरीफ आदमी जिसने कभी कुछ गलत नहीं किया होता।
आज देश मे हर जगह बस एक ही बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि किसके पास कौन सी डिग्री या फिर किसने कितना भ्रष्टाचार किया है। मै मानता हुँ कि भ्रष्टाचार एक अहम मुद्दा है लेकिन मेरे हिसाब से खराब कानून व्यवस्था एक गंभीर समस्या है क्योंकी जब तक देश का कानून नही मज़बूत होगा तब तक देश नही मज़बूत हो पाएगा। खराब कानून व्यवस्था स्वच्छ पत्रकारिता के लिए भी एक बहुत बड़ा संकट है।
अंत में सर मै बस ये कहना चाहुँगा कि मैं आपकी और मोदी जी की बहुत इज्ज़त करता हुँ और मुझे और मेरे जैसे करोड़ो भारतियों को आपसे बहुत उम्मीदें है।
मै आशा करता हुँ कि आप मेरी चिंता को गंभीरता से लेते हुए देश कि कानून व्यवस्था को और मज़बूत बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे।
जय हिंदमेरा नाम ऋषभ शुक्ला है। मै नोंएडा मे रहता हुँ और पेशे से पत्रकार हुँ।
सर आज आपको मैं अपने दिल की बात दिमाग से बताने के लिए ये पत्र लिख रहा हुँ। मैं आज जब अपने देश कि कानून व्यवस्था को देखता हुँ या फिर जब किसी न्यूज़ चैनल के माध्यम से किसी अपराधिक घटना के बारे में सुनता हुँ तब मुझे बहुत डर लगता है और एक स्वार्थी सवाल मेरे दिमाग मे आता है कि क्या मैं और मेरा परिवार सुरक्षित है। हमारे देश मे आज अपराधियों का हौसला इतना बड़ चुका है कि वो बेखौफ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, उन्हे किसी का डर नहीं और पुलिस तो जैसे उनके लिए है ही नहीं। दो दिन पहले बिहार मे एक 19 वर्षीय युवा लड़के की एक सदस्य विधानपरिषद के लड़के ने गोली मार कर हत्या कर दी, उस लड़के का बस इतना कसूर था कि उसने उस सदस्य विधानपरिषद के लड़के की महंगी “एस-यू-वी” को ओवरटेक किया था। “मदर्स डे” के दिन जब किसी माँ को अपने जवान बेटे कि लाश को देखना पड़े तो उसका दर्द क्या होगा वो हम और आप नहीं समझ सकते। कुछ ऐसी ही एक घटना होली के वक्त भी हुई थी जब सरेआम दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में एक डॉक्टर की उसके घर में घुस कर कुछ गुंडो ने पिटाई कर दी थी और जब तक पुलिस वहाँ पर पहुँची डॉक्टर की जान जा चुकी थी। वो डॉक्टर अपने पीछे छोड़ गया अपना एक 8 साल का बेटा और अपनी पत्नी को जिनके ना जाने कितने सपने होंगे जो कि खराब कानून व्यवस्था कि वजह से अधूरे रह गए। जब दिल्ली जैसी राजधानी मे ऐसी घटनाएँ हो रही हैं तो बाकी देश का क्या हाल होगा ये समझा जा सकता है।
हाल ही में हरियाणा में जाट आंदोलन के वक्त जो घटनाएँ हुई उनकी वजह से सारे देश का सर शर्म से झुक गया। एक लड़की को दिन दहाड़े पंजाब मे उसके ऑफिस से खीच के ले जाके उसका बलात्कार किया जाता है और हमारी पुलिस एक फाईल और बना लेती है। और ना जाने ऐसी कितनी घटनाएँ हैं जो रोज़ देश मे हो रही होगीं जिनके बारे मे हमें पता तक नहीं चल पाता।
अब सोचने वाली बात ये है कि क्या कारण है कि देश मे अपराधियों के हौसले इतने बड़ गए हैं कि उन्हे किसी का डर नहीं, कानून तो उनके लिए मज़ाक बन गया है। सच्चाई तो ये है कि कानून और पुलिस से अगर आजकल कोई डरता है तो वो है एक इज्जतदार शरीफ आदमी जिसने कभी कुछ गलत नहीं किया होता।
आज देश मे हर जगह बस एक ही बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि किसके पास कौन सी डिग्री या फिर किसने कितना भ्रष्टाचार किया है। मै मानता हुँ कि भ्रष्टाचार एक अहम मुद्दा है लेकिन मेरे हिसाब से खराब कानून व्यवस्था एक गंभीर समस्या है क्योंकी जब तक देश का कानून नही मज़बूत होगा तब तक देश नही मज़बूत हो पाएगा। खराब कानून व्यवस्था स्वच्छ पत्रकारिता के लिए भी एक बहुत बड़ा संकट है।
अंत में सर मै बस ये कहना चाहुँगा कि मैं आपकी और मोदी जी की बहुत इज्ज़त करता हुँ और मुझे और मेरे जैसे करोड़ो भारतियों को आपसे बहुत उम्मीदें है।
मै आशा करता हुँ कि आप मेरी चिंता को गंभीरता से लेते हुए देश कि कानून व्यवस्था को और मज़बूत बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे।
-ऋषभ शुक्ला
drishabhshukla@gmail.com
An Open Letter to Union Law Minister Shri DV Sadananda Gowda By Young Journalist Named ऋषभ शुक्ला
Reviewed by rainbownewsexpress
on
1:30:00 pm
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