पीएम की डिग्री पर राजनीति

प्रधानमंत्री मोदी जी की डिग्रीयोंं पर सियासत तेज होने लगी है। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी जी की डिग्री पर भी राजनीति करना शुरू कर दिया है, कजरीवाल ने मोदी जी की डिग्री को फर्जी बताया। और उन्होंने पीएम मोदी जी की डिग्री की जांच करने को भी कहा, प्रधानमंत्री जी की शैक्षिक योग्यता और केजरी के तीखे हमले के जबाव में पीएम की बीए और एमए की डिग्री सार्वजनिक कर दीं और इस पर केजरीवाल से माफी मांगने को कहा है। वहीं आम आदमी पार्टी यह कतंई मानने को तैयार नहीं है की पीएम की डिग्रीयां सही है। अमित शाह और अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम की डिग्रियां दिखाईं। दोनों ने कहा कि मोदी ने डीयू से बीए और गुजरात यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एम.ए. किया है। 
शाह ने कहा, केजरीवाल ने राजनीतिक जीवन का स्तर गिराया है। उन्होंने दुनिया में देश का नाम बदनाम किया है। केजरीवाल को देश और दुनिया से माफी मांगनी चाहिए। वहीं शाह ने इतना ही नहीं कहा शाह ने यह भी कहा कि केजरीवाल को आरोप लगाने से पहले सोच लेना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं। अमित शाह कहा ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएम की एजुकेशन क्वालिफिकेशन के लिए हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है। शाह ने ये भी कहा कि पब्लिक लाइफ में रहे किसी शख्स पर आरोप लगाने से पहले किसी को भी सोच लेना चाहिए।
आरोप लगाने से पहले पूरे तथ्य जुटाने चाहिए। जेटली ने पीएम मोदी की डिर्गीयों के बारे में बाता कि १९७८ में पीएम ने एक्सटर्नल कैंडिडेड के नाते डीयू से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद गुजरात यूनिवर्सिटी से एमए किया। बीजेपी प्रेसिडेंट ने जो विषय उठाया है, इसके कई पहलू हैं। एक कठिन स्थिति के परिवार से निकले व्यक्ति का सामाजिक काम करते हुए डीयू से बीए और गुजरात यूनिवर्सिटी से एमए करना, आम आदमी की राजनीति करने वाली पार्टी को इसकी प्रशंसा करनी चाहिए थी। बिना किसी फैक्ट को चेक किए वे सार्वजनिक जीवन को सबसे निचले स्तर पर ले आए। आप को छोडकऱ और कोई पार्टी नहीं है जिसके लीडर पर फर्जी डिग्री का मामला चल रहा हो। ये एडवेंचर की राजनीति गर्वनेंस का सब्सिट्यूट है। केजरीवाले ने पीएम पर आरोप लगाया है पीएम की डिग्री फर्जी है। और इस की जांच हो। ने
सीआईसी ने डीयू और गुजरात यूनिवर्सिटी को ऑर्डर कर ये डिटेल केजरीवाल को देने को कहा था। जवाब में गुजरात यूनिवर्सिटी ने बताया कि मोदी ने बाहरी छात्र के तौर पर एमए में ६२.३फीसदी मार्क्स हासिल किया था। लेकिन डीयू ने मोदी की डिग्री को लेकर कोई डिटेल नहीं दिया।केजरीवाल ने डीयू को लेटर लिखकर पीएम मोदी की डिग्री की डिटेल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पब्लिक करने और डिग्री डॉक्युमेंट्स की श्योरिटी साबित करने को कहा था। आप लीडर आशीष खेतान ने भी बहती राजनीतिक गंगा में हाथ धोना नहीं भूले और उन्होंने भी पीमए की डिग्री पर सवाल जबाव करते हुउ कहा-अरविंद केजरीवाल की डिग्री और मार्कशीट चार दिन में मिल गई, लेकिन मोदी जी की डिग्री दो साल से नहीं ढूंढ़ पा रही। 
क्यों? पार्टी लीडर आशुतोष ने कहा था,  १९७८ में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएम मोदी ने नहीं बल्कि नरेन्द्र महावीर मोदी ने डिग्री सर्टिफिकेट लिया था। हमने जो नए डॉक्युमेंट्स हासिल किए हैं, उनसे यह साबित होता है कि पीएम की डिग्रीयां फर्जी हैं और उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने यह झूठ बोला है कि उन्होंने डीयू से ग्रेजुएशन किया था। अखबारों में हाल ही में पब्लिश उनकी डिग्री फर्जी है। उन्होंने कोई एग्जाम नहीं दिया था। दरअसल, आप ने यह आरोप लगाया था कि ऐसा कोई डॉक्युमेंट डीयू के पास है ही नहीं और न ही नरेन्द्र दामोदर मोदी नाम का कोई शख्स १९७८ में यूनिवर्सिटी का पास आउट है। जैसा कि पीएम मोदी ने २०१४ के अपने चुनावी पेपर्स में घोषित किया था।
वहीं इस मुद्दे पर राजनीति तेज होती दिख रही है और यह राजनीतिक आग रुकने वाली नहीं है पीएम की डिग्री पर सियासतदारों का राजनीति चक्रव्हू धीरे-धीरे अपना रंग दिखाने लगा है। आज यह साफ हो गया है कि राजनीति कितनी गिरती जा रही है और इस को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि सियासदार राजनीति को तार-तार करने में लगे हुए है और यह देखा भी जा सकता है। वहीं अगर केजरीवाल की बात करें तो वह हमेशा से ऐसे मामलों में अग्रहसर रहे हैं। वहीं इस मामले में कजरीवाल ने डीयू के वाइस चांसलर योगेश त्यागी को भी लपेटा है केजरी ने कहा था कि वाइस चांसलर योगेश त्यागी ने पीएम की डिग्री सील करने का ऑडर दिया है इसी पर वाइस चांसलर योगेश त्यागी ने कहा है कि उन्होंने पीएम की डिग्री से जुड़े डॉक्यूमेंट्स सील करने का कोई ऑर्डर नहीं दिया है।
हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी प्रेसीडेंट अमित शाह द्वारा जारी की गई डिग्री की सत्यता के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कोई कॉमेंट नहीं किया। त्यागी ने कहा, हमें केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) से ऑर्डर मिला है और अपने रिकार्ड की जांच करने के बाद हम इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा, जहां तक डॉक्यूमेंट्स की सीलिंग की बात है, मैंने इस तरह का कोई ऑर्डर नहीं दिया है और आरटीआई को देख रहे यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ने ऐसा अपनी पर्सनल कैपेसिटी में किया है तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है।  वहीं इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टिपण्णी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्रियों को लेकर उठा विवाद कोई मुद्दा नहीं है। देश की राजनीति में आजकल व्यक्तिगत आक्षेप का दौर कुछ ज्यादा चल पड़ा है। नीतियों पर बात नहीं होती। 
नीतीश भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा प्रधानमंत्री की डिग्रियों को मीडिया के लिए जारी करने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। नीतीश कुमार ने कहा कि जिन लोगों ने इस मामले को उठाया है, वे ही इसपर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। लेकिन, बीजेपी को भी गत बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान व्यक्तिगत व अमर्यादित आक्षेपों के लिए माफी मांगनी चाहिए। वैसे दूसरों से माफी मांगने की बात करने वाले बिहार में माफी मांगेंगे कि नहीं? चुनाव के समय वे क्या-क्या बोलकर गए थे? बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा था कि डीयू ने डॉक्यूमेंट्स सील कर दिए हैं। बस अब इंतजार है पीएम मोदी की डिग्री सही है या गलत और इस सब के बीच राजनीति अपना रंग जरूर दिखाएगी, वहीं पीएम जी की डिग्री पर कितनी तेज सियासत होती है वह देखना बाकी है?
-अवनीश सिंह भदौरिया
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