अधिकारियो के टालू नीति से आजिज आकर आमरण अनशन पर बैठी महिला ने किया आत्मदाह का प्रयास

कुशीनगर। दबंगो के चंगुल से अपने जमीन को मुक्त कराने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अपने कुनबे के साथ आमरण अनशन पर बैठी एक महिला ने मिट्टी का तेल छिडकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। इस दौरान कलेक्ट्रेट पर अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया। मौके पर अपने दल-बल के साथ मौजूद महिला एसओ ने तत्परता दिखाते हुए मिट्टी के तेल से पूरी लतपथ महिला को हिरासत मे लेकर पुलिस जीप मे बैठा लिया। इस बीच पुलिस और महिलाओ के बीच काफी देर तक नूराकुश्ती का दौर चला महिलाए पाना देवी को पुलिस जीप से निकालने की जिद्द पर अडिल थी जबकि पुलिस पाना देवी को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाना चाह रही थी। काफी मशक्कत के बाद पुलिस महिलाओ के भीड से आत्मदाह करने के लिए मिट्टी का तेल अपने ऊपर छिडने वाली महिला को जिला अस्पताल पहुचाई। उसके बाद आक्रोशित महिलीओ ने पडरौना-कसया एनएच-28 मार्ग जामकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जनपद के कप्तानगंज तहसील के गरूलहा गाव के निवासी पाना देवी पति रामनरेश अपने बैनामे की भूमि पर गाव के ही दबंगो द्वारा अबैध कब्ज़ा के विरोध मे तीसरी बार 10 मई से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अपने कुनबे के साथ आमरण अनशन पर बैठी हुई थी। पाना देवी का कहना है कि उसके बैनामे की जमीन पर गाँव के ही दबंग जगदीश, नगीना एवं जनार्दन द्वारा अबैध कब्ज़ा कर लिया गया है अबैध कब्जा को हटाने की माँग को लेकर वह तहसील से लगायत जिले के आला अफसरो के सामने न्याय की गुहार लगाई किन्तु कही भी  न्याय नही मिला। बताया जाता है कि अधिकारियो की तरफ से जब कोई कार्रवाई नही हुई तो पाना देवी अबैध कब्ज़ाधारियो के विरुद्ध पहली बार 19 मार्च को कलेक्ट्रेट के सामने अपने कुनबे के साथ धरना पर बैठी थी। धरना के तीसरे दिन मौके पर पहुचे पडरौना तहसीलदार ने कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना खत्म करा दिया। पीडिता की माने तो तहसीलदार के आश्वासन के एक माह बाद भी  प्रशासन की ओर से कोई कोई कार्रवाई नही हुई तो पाना देवी अपने कुनबे के साथ दुसरी  बार 18 अप्रैल को धरना पर बैठी। इस धरना को भी एसडीएम कप्तानगंज ने 28 अप्रैल को पाना देवी को यह आश्वासन देकर समाप्त करा दिया कि अबैध कब्ज़ाधारियो के खिलाफ कार्यवाही कर जमीन पर से अबैध कब्ज़ा हटवाया जायेगा। बावजूद इसके उपजिलाधिकारी के स्तर से कोई कार्रवाई नही की गई।
पीडिता पानादेवी की माने तो प्रशासनिक अमलो की टालू नीति  से आजिज आकर वह न्याय पाने के लिए तीसरी बार 10 मई को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अपने कुनबे के साथ आमरण अनशन पर बैठी थी। पानादेवी कहती है कि लगातार एक सप्ताह से वह अपने परिवार के साथ अनशन पर बैठी है लेकिन किसी ने कोई सुध नही ली। तब जिला प्रशासन को कुभकर्णी निन्द्रा से जगाने के लिए आत्मदाह करने की कोशिश की। पीडिता ने कहा कि न्याय पाने के लिए उसके पास यही एक मात्र रास्ता था।
Report -संजय चाणक्य, कुशीनगर
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