संवाद संप्रेषण के साधनों का विकास होते ही लोगों की आवश्यकताओं में बढोत्तरी होने लगी। सुविधाओं ने जरूरत और जरूरत ने आदी होने की स्थिति पैदा कर दी। टेलीकाम कम्पनियों ने इसका जमकर फायदा उठाना शुरू कर दिया। काल ड्राप से लेकर पैसे कटने तक की घटनाओं में इजाफा होने लगा। अनावश्यक सेवाओं को थोपा जाने लगा, इनका शुल्क वसूला जाने लगा। प्रीपेड से लेकर पोस्ट पेड तक के मोबाइल, लैण्ड लाइन फोन से लेकर डाटा कार्ड तक में अनियमितताओं का तांडव होने लगा। औपचारिकताओं की पूर्ति के लिए कस्टमर केयर बनाया गया।
इस रूट की सभी लाइनें व्यस्त हैं, आप क्यू में हैं कृपया प्रतीक्षा करें जैसे शब्द सुनाने वाले यह नम्बर अपनी प्रशंसा के गुणगान ही करते रहते हैं और बाद में लाइन स्वतः ही कट जाती है। समय की बर्बादी के अलावा मानसिक खीज देकर प्रताडित करने वाली इन कम्पनियों ने इस कार्यशैली को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। बेलगाम होते जा रहे इस तंत्र से जुडे कई संस्थानों ने तो कस्टमर केयर से बात करने के लिए भी शुल्क निर्धारित कर दिया है। बिना मांगी सेवायें, संगीत, सूचनायें देकर जबरन पैसों की वसूली करने वाली यह कम्पनियां शोषण की नई इबारत लिखने लगीं है।
अनचाहे फोन काल्स से लेकर मैसेज तक का अन्तहीन सिलसिला चल रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय काल्स का चार्ज काटने वाले फोन आने का क्रम भी निरंतर जारी है। विभिन्न व्यवसायिक एवं फर्जी संस्थानों को उपभोक्ता के नाम सहित फोन नम्बर देकर कमाई का नया जरिया भी सेवा प्रदाता ने ढूढ निकाला है। एटीएम, बैंक एकाउण्ट, रोजगार, लाटरी, इनाम सहित अनगिनत कारकों की कथित संवेदनशील जानकारियों के माध्यम से धोखाधडी करने की स्थितियां निर्मित करने के लिए यही कम्पनियां उत्तरदायी हैं परन्तु राजनैतिक गलियारों से लेकर लालफीताशाही तक पर मजबूत पकड होने के कारण उनका बाल भी बांका नहीं होता।
ज्यादा हायतोबा होने पर न्यायालयीन शरण को कवच बनाकर राहत लेने का सीधा, सरल और सुगम रास्ता भी जाने-माने वकीलों के माध्यम से खोज लिया जाता है। ऐसे में आम आवाम को ही अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करना होंगे। फिलहाल इतना ही, नवप्रभात पर रेखाकिंत किये जाने योग्य एक नये मुद्दे के साथ फिर मिलेंगे। तब तक के लिए अनुमति दीजिये।
शोषण की नई इबारत लिखने लगीं है टेलीकाम कम्पनियां
Reviewed by rainbownewsexpress
on
2:52:00 pm
Rating:
Reviewed by rainbownewsexpress
on
2:52:00 pm
Rating:

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें